सांप हवा खा कर जीवित रहते हैं मगर वे दुर्बल नहीं होते,
जंगली हाथी सूखी घास खा कर जीते हैं मगर वे बलवान
होते हैं, साधू लोग कन्द-मूल फल खा कर अपना समय
गुज़ारते हैं और प्रसन्न रहते हैं . अर्थात सन्तोष ही इन्सान
का बेहतरीन ख़ज़ाना है
- अज्ञात महापुरूष
जो आदमी अपनी आमदनी से ज़्यादा खर्च करे और उधार
का रूपया न चुकाए उसे उसी वक्त जेलखाने भेज देना चाहिए,
चाहे वह कोई भी हो .
- थैकरे
बुद्धिमानी के साथ खर्च करता हुआ आदमी थोड़े खर्च से भी
अपनी गुजर कर सकता है, मगर फिजूलखर्ची से सारे
ब्रह्माण्ड की सम्पदा भी नाकाफ़ी हो सकती है .
-जर्मन कहावत
भरने वाली नली अगर तंग है तो कोई बात नहीं, बशर्ते कि
खाली करने वाली नाली ज़्यादा चौड़ी न हो .
- संत तिरुवल्लुवर
प्रस्तुति : गौतम डी जैन
bahut bahut dhnyavad
ReplyDeletein anmol vachnon ke liye......
jai ho !
ReplyDeletebahut khoob !
ReplyDeleteatyant mahaan vachan
ReplyDeletedhnya hain aise shabdon ko ham tak pahunchane wale
ReplyDeleteaapka dhnyavaad
waah waah
ReplyDeletebahut hi umdaa vachan