Saturday, December 25, 2010

मनुष्य-स्वभाव...............



मनुष्य-स्वभाव 

अपने विकसित रूप में लाज़िमी तौर पर मानवतापूर्ण है; 

प्रेम के बिना वह मानवताहीन है; 


समझदारी बिना  मानवताहीन है 

और अनुशासन बिना भी मानवताहीन है . 


-रस्किन

प्रस्तुति  :  गौतम डी जैन

 

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